Saturday, March 20, 2021

अनौपचारिक पत्र

 अनौपचारिक पत्र / घरेलू पत्र

अनौपचारिक-पत्र के प्रकार -

अनौपचारिक पत्रों में निम्नलिखित प्रकार के पत्र रखे जा सकते है- 

1- बधाई पत्र 

2- शुभकामना पत्र 

3- निमंत्रण पत्र 

4- विशेष अवसरों पर लिखे गये पत्र 

5- सांत्वना पत्र 

6- किसी प्रकार की जानकारी देने के लिए 

7- कोई सलाह आदि देने के लिए 


अनौपचारिक-पत्र की प्रशस्ति (आरम्भ में लिखे जाने वाले आदरपूर्वक शब्द), अभिवादन व समाप्ति में किन शब्दों का प्रयोग करना चाहिए- 


(1) अपने से बड़े आदरणीय संबंधियों के लिए- 

प्रशस्ति – आदरणीय, पूजनीय, पूज्य, श्रद्धेय आदि। 


अभिवादन – सादर प्रणाम, सादर चरणस्पर्श, सादर नमस्कार आदि। 


समाप्ति – आपका बेटा, पोता, नाती, बेटी, पोती, नातिन, भतीजा आदि।


(2) अपने से छोटों या बराबर वालों के लिए- 


प्रशस्ति – प्रिय, चिरंजीव, प्यारे, प्रिय मित्र आदि। 

अभिवादन – मधुर स्मृतियाँ, सदा खुश रहो, सुखी रहो, आशीर्वाद आदि। 


समाप्ति – तुम्हारा, तुम्हारा मित्र, तुम्हारा हितैषी, तुम्हारा शुभचिंतक आदि।


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1. अपने भाई/बहन को पत्र लिखकर योगासन करने के लिए प्रेरित कीजिए।


20 मार्च, 2020


प्रिय बहन,

सदा खुश रहो।


मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा है वहाँ पर भी सभी कुशल होंगें। अभी-अभी मुझे पिता जी का पत्र प्राप्त हुआ और उनसे घर के सभी समाचार ज्ञात हुए। साथ ही साथ यह भी पता चला कि तुम्हारा स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखा करो।

तुम्हें तो पता ही है कि पहला सुख स्वस्थ शरीर को कहा जाता है। इसके लिए आवश्यक है कि तुम हमेशा योगासन किया करो। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में व्यस्त रहने के कारण कोई भी स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं देता। योग एक ऐसा माध्यम है जो शरीर को स्वस्थ रखने में महत्पूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए मैं तुम्हें यही सलाह दूँगी कि तुम नियमित रूप से योगा किया करो जिससे तुम्हारा शरीर चुस्त और फुर्तीला हो जाएगा और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी।

आशा करती हूँ कि तुम मेरी इस सलाह को मानोगी तथा अपने जीवन में योग को महत्त्व दोगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम जल्द ही स्वस्थ हो जाओगी। माता-पिता को प्रणाम और भाई को मेरा प्यार देना।


तुम्हारी बहन

आशा धोंगडे ।

सेवा‌ हॉस्टल,

सेनानी मार्ग,

सोलापुर - ४४XXXX ।

मो. ९४००००००००

ई-मेल - asha45@gmail.com


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२. अपने मित्र के पिता के सीमा पर शहीद हो जाने एक समाचार प्राप्त होने पर अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए मित्र को संवेदना पत्र लिखिए। 


21 मार्च, 2021


प्रिय मित्र करण,

सप्रेम नमस्कार ।


कल ही तुम्हारे पिता के सीमा पर शहीद हो जाने का समाचार प्राप्त हुआ, जिसे सुनकर मुझे बहुत दुःख हुआ। मैं पिछली बार जब तुम्हारे घर आया था, तब उनसे मिला था। 

तुम्हारे पिता एक बहादुर सिपाही थे। जिन्होनें अपने प्राणों की परवाह न करते हुए देश में अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस समाचार को सुन कर जहाँ एक और अपार दुःख हो रहा है वही दूसरी ओर गर्व भी महसूस हो रहा है। ईश्वर के आगे किसी की भी नहीं चलती है। हमारे जीवन की डोर उन्हीं के हाथों में हैं। मुझे आभास है कि पिता जी के आकस्मिक निधन से पुरे परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है तथा जिम्मेदारी अब तुम पर आ गई है। तुम अपनी माँ तथा भाई को धीरज बाँधना साथ ही साथ स्वयं भी धैर्य के साथ कार्य करना। 

मेरी ईश्वर से यह प्रार्थना है कि वह तुम्हें और तुम्हारे पुरे परिवार को दुःख की इस घड़ी में ताकत प्रदान करे। अंत में ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। 


तुम्हारा मित्र 

काशिनाथ  धोंगडे ।

नेताजी मार्ग, 

शास्त्री नगर,  

कोल्हापूर  - ४४XXXX ।

मो. ९४००००००००

ई-मेल - kashinath45@gmail.com

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3.  मामा को जन्मदिन के उपहार का धन्यवाद करने के लिए पत्र लिखें- 



21 मार्च,  2021.

 आदरणीय मामाजी,

सादर नमस्कार ।


मैं यहां पर कुशल मंगल हूँ, और आशा करता हूँ कि आप भी वहां कुशल होंगे। आदरणीय चाचा जी पिछले सप्ताह मेरा जन्मदिन था और मुझे वह पत्र प्राप्त हुआ जिसमें आपने न आने का कारण बताया था, मैं उस बात को लेकर बहुत ही ज्यादा नाराज हूँ। मैं आपके आने की उम्मीद लगाकर बैठा था और आपने न आकर सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। 

आपने उस पत्र के साथ मेरे जन्मदिन का उपहार भी भेजा था, हालांकि कोई भी उपहार आपकी मौजूदगी से ज्यादा शायद ही मुझे खुशी देता, लेकिन यह उपहार पाकर मैं बहुत ज्यादा खुश और संतुष्ट महसूस कर रहा हूं। चाचाजी आप यह जानते हैं कि मैं समय का कितना अधिक पाबन्द हूँ और इसलिए आपने यह घड़ी मुझे भेंट स्वरूप देकर, मेरे इरादों को और भी ज्यादा मजबूत किया है। आपकी यह घड़ी मुझे अनुशासन और समय के महत्व के बारे में सदैव बताती रहेगी। मैं यह घड़ी पाकर बहुत ज्यादा खुश हूं और यह प्रार्थना करता हूं कि मेरे अगले जन्मदिन पर आप भी मौजूद रहें। 

चाची जी को चरण स्पर्श कहियेगा और नेहा और अभय को मेरा बहुत सारा स्नेह दीजिएगा। छुट्टियाँ होते ही मैं आप सभी से अवश्य ही मिलने आऊँगा।


आपका आज्ञाकारी भतीजा ,


रूद्र मोटे। 

रूद्र  निवास, 

शिवाजी नगर, 

गांधी मार्ग, 

बीड - 44XXXX 

संपर्क - 94XXXXXXXX

ईमेल - rudra369@gmail.com

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        (बधाई पत्र) 

4. मित्र/सहेली को परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर बधाई पत्र .


21 मार्च, 2021.


प्रिय सहेली नैना, 

सदा सुखी रहो। 


मैं कुशल-मंगल हूँ और आशा करता हूँ कि वहाँ पर भी सभी कुशल-मंगल होंगें। काफी समय हो गया था न तो तुमसे बात हो पाई और न ही तुम्हारे घर पर किसी से बात कर पाया। 

तुम्हारे पिता को फोन किया, तो उनसे ज्ञात हुआ की तुम बोर्ड परीक्षा में मुरादाबाद जिले में प्रथम आये हो। इस समाचार को सुनकर मन ख़ुशी से भर गया। मुझे तो पहले से ही विश्वास था की तुम प्रथम श्रेणी में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होंगे लेकिन यह जानकार की तुमने परीक्षा में प्रथम श्रेणी के साथ-साथ जिले में प्रथम स्थान भी प्राप्त किया है ,मेरी प्रसन्नता की सीमा न रही। इस परीक्षा के लिए तुम्हारे परिश्रम और नियमितता ने ही वास्तव में ऊँचाई तक पहुँचाया है। मुझे पूरी आशा थी की तुम्हारा परिश्रम रंग दिखायेगा और मेरा अनुमान सच साबित हुआ। तुमने प्रथम स्थान प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया की दृढ संकल्प और कठिन परिश्रम से कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। 

मैं सदैव यह कामना करूँगा की तुम्हें जीवन में हर परीक्षा में प्रथम आने का सौभाग्य प्राप्त हो और तुम इसी प्रकार परिवार और विद्यालय का गौरव बढ़ाते रहो। इस प्रकार मेहनत करते रहो और सभी को प्रसन्नता प्रदान करते रहो।


तुम्हारी सहेली, 

मीनाक्षी कोर्टे। 

मीनाक्षी निवास, 

 नेहरु मार्ग ,

अकबर नगर,

दिल्ली - 44XXXX

संपर्क - 94XXXXXXXX

ईमेल - minakshi11@gmail.com


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 5 .        (निमंत्रण पत्र) 


बहन की शादी के लिए निमंत्रण पत्र लिखिए।


21 मार्च, 2021


प्रिय मित्र संदेश, 

मधुर स्मृतियाँ।


मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा है वहाँ पर भी सभी कुशल होंगें। तुम्हे जानकार बड़ी खुशी होगी कि मेरी बहन रूचि का विवाह अपो को तय हुआ है।

 तुम इस समारोह में सादर आमंत्रित है। बारात यवतमाल में 1 अप्रैल को 8.00 बजे आयेगी। दुल्हन का पति एक कलेक्टर है। वह स्वभाव में बहुत अच्छा है। मैं अपने सारे दोस्तों को अपनी बहन के विवाह समाहरोह में बुला रहा हूँ। हमने यह तय किया है कि विवाह समारोह को महाराष्ट्र भवन में मनाये। 

मैं आशा करता हूँ कि तुम इस विवाह समारोह में अपने परिवार के साथ जरूर आओगे। अंकल और आंटी को मेरी तरफ से प्रणाम कहना। दीपक को मेरा प्राय देना। मुझे तुम्हारी प्रतीक्षा रहेगी।


तुम्हारा मित्र,

सौरभ मांडे।

रुची निवास,

तिलक मार्ग,

महात्मा नगर,

यवतमाल - 44XXXX

संपर्क - 9400000000

ई-मेल - sourabh65@gmail.com