विशेषण
विशेषण वे शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं।
ये शब्द वाक्य में संज्ञा के साथ लगकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं।
अच्छा, बुरा, मीठा, खट्टाछोटा, बड़ा, काला, लम्बा, दयालु, भारी, सुंदर, कायर, टेढ़ा–मेढ़ा, एक, दो, वीर पुरुष, गोरा, आदि विशेषण शब्दों के कुछ उदाहरण हैं।
विशेषण के भेद
विशेषण के मुख्यतः आठ भेद होते हैं :
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
1. गुणवाचक विशेषण :
जो विशेषण हमें संज्ञा या सर्वनाम के रूप, रंग आदि का बोध कराते हैं वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- मेरा भाई मोटा है ।
- मेरी कार काली है।
- मेरा मकान छोटा है।
- मेरे पास लाल पेन है।
- लाल किला एक सुन्दर इमारत है।
- दिल्ली में नया घर है।
- चीन में स्वस्थ लोग रहते हैं।
- मैं ताज़ा सब्जियां लाया हूँ।
2. संख्यावाचक विशेषण :
ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की संख्या के बारे में बोध कराते हैं वे शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- श्रमजीवियों मजदूरी एवं आमदनी कम है।
- सीता को दो बच्चे हैं।
- मुझे तीन भाई है।
- नेहा की पाच सहेलियां हैं।
- हेमंत के पास चार पेन है।
- समीर के दो मकान है।
- समीर छः बार खाना खाता है।
- मेरी कक्षा में पचास विद्यार्थी है।
- हिना सात सेब खाती है।
- दुनिया में सात अजूबे हैं।
- हमारे विद्यालय में चार सौ विद्यार्थी पढ़ते हैं।
3. परिमाणवाचक विशेषण :
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा के बारे में बताते हैं वे शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- मेरी दो गज जमीन है।
- हमारे यहां बहुत चिनी है।
- उसे थोड़ा पानी दे दो।
- मैंने दो तोले सोना लिया ।
- केतकी को सौ किलोमीटर जाना है।
- मुझे तीन किलो प्याज लाकर देना ।
- मुझे दो किलो बैंगन लाकर दो।
- बाज़ार से आते वक्त आधा किलो चीनी लेते आना।
- जाओ एक मीटर कपड़ा लेकर आओ।
- मुझे थोड़ा सा खाना चाहिए।
4. सार्वनामिक विशेषण :
जो सर्वनाम शब्द संज्ञा से पहले आएं एवं विशेषण की तरह उस संज्ञा शब्द की विशेषता बताएं तो वे शब्द सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- वे लड़के हमारी स्कूल के है।
- ये कुत्ता मेरा है।
- यह किताब मेरी है।
- वह मकान मेरा है।
- कोई स्त्री आनेवाली है।
- यह लड़का कक्षा में अव्वल आया।
- वह आदमी अच्छे से काम करना जानता है।
- यह लड़की वही है जो मर गयी थी।